मुरादाबाद में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में 501 दीपक जलाकर देव दीपावली मनाई गई। यहां के रामगंगा विहार स्थित ओम शिव हरि मनोकामना मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में रविवार को देव दीपावली मनाई गई।
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रविवार को मंदिर परिसर में विधि विधान से भगवान सत्यनारायण की कथा का श्रवण भक्तों को कराया गया। इसके बाद महा आरती हुई और पूरे मंदिर प्रांगण को 501 दीपकों से सजाया गया। मंदिर परिसर में मौजूद सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर पंडित हरिश्चंद्र जोशी ने बताया कि सनातन शास्त्रों के अनुसार, चिरकाल में त्रिपुरासुर नामक राक्षस के आतंक से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। त्रिपुरासुर, असुर तारकासुर का बेटा था। ये एक नहीं, बल्कि तीन थे। तीनों ने देवताओं को परास्त करने का प्रण लिया था। लंबे समय तक तीनों ने ब्रह्मा जी की तपस्या की। त्रिपुरासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने तीनों को देवताओं से परास्त न होने का वरदान दे दिया। ब्रह्मा जी से वरदान पाकर तीनों शक्तिशाली हो गए।
उस समय त्रिपुरासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। यह देख स्वर्ग के देवता ब्रह्मा जी के पास गए। उन्हें स्थिति से अवगत कराया। तब ब्रह्मा जी बोले-वरदान तो मैंने ही उन्हें दिया है लेकिन त्रिपुरासुर को रोकने के लिए आप सभी को भगवान शिव से सहायता लेनी होगी। भोलेनाथ ही आप सबकी रक्षा कर सकते हैं। यह सुनने के बाद सभी देवता कैलाश पहुंचे और महादेव से रक्षा की कामना की।
पंडित जोशी ने आगे कहा कि बाद में भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दीपावली मनाई। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसलिए हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली मनाई जाती है।