Ballia News: उत्तर प्रदेश
की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत
समारोह में भाग लिया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी समाज
और राष्ट्र की प्रगति के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है। मुझे विश्वास है कि
आपने इस संस्थान से जो शिक्षा
ग्रहण की है, वह आपके जीवन-पथ को आलोकित करेगी। इस बीच राज्यपाल ने 38
विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी वितरित किए। जिसमें 12 छात्र व 26
छात्राएं शामिल थे।
राज्यपाल ने कहा आज के समय में सभी
क्षेत्रो में बेटियां
अपनी प्रतिभा बिखेर रही है। लड़कियां, लड़कों की बराबरी कर रही हैं। लड़कियो और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार अनेकों योजनाए चला रही है। इस बीच राज्यपाल
आनंदीबेन पटेल ने परिषदीय स्कूलों के 30 बच्चों से बातचीत की। सभी बच्चों को
उपहार भी वितरित किए।
बच्चों ने पर्यावरण, संविधान व राष्ट्रीय ध्वज पर आधारित बनी पेंटिंग राज्यपाल
भेंट की। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से मिलकर पोषण किट का सदुपयोग करने की बात कही। साथ ही कुपोषणमुक्त व टीबी मुक्त भारत बनाने का संदेश भी दिया। विश्वविद्यालय
द्वारा गोद लिए हुए गांवों में पूर्व में हुईं खेलकूद प्रतियोगिता के विजेता
बच्चों को राज्यपाल पुरस्कृत किया।
मोटे अनाजों के प्रोत्साहन को
बढ़ावा देते हुए राज्यपाल ने कहा कि कृषि विज्ञान से जुड़े शिक्षक एवं विद्यार्थी श्री
अन्न की गुणवत्ता, उत्पादकता की वृद्धि के लिए शोध करें। ताकि भारत अपने साथ-साथ पूरी दुनिया की
आबादी को पोषण दे सके।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विवि धर्मशाला हिमाचल
प्रदेश के कुलाधिपति प्रोफेसर हरमहेंद्र सिंह बेदी ने सभी विद्यार्थियों को
शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल
उद्देश्य चरित्रवान विद्यार्थियों का निर्माण करना है।
आज ऐसी शिक्षा की आवश्यकता
है जो रोजगारपरक हो। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जी ने आतंकवाद के समय पंजाब को
राष्ट्रीय धारा में जोड़ने का जो श्रम किया, उसकी जितनी
प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के योगदान को
बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने उपनिषद, वेद, रामायण,
गुरुग्रंथ
साहिब जैसे ग्रंथ दिए हैं। जिन्हें यूनेस्को ने विश्व विरासत
ग्रंथ घोषित किया है।
इस बीच दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री
योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा का आज वास्तविक प्रकटन हुआ है।
अपने गुरुओं द्वारा प्रदत्त ज्ञान एवं कौशल को ये उपाधि प्राप्त विद्यार्थी अपने
जीवन में उतारेंगे। सभी
विद्यार्थियों का कर्तव्य है, कि वह देश के
लिए कुछ करें। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी विद्यार्थी भविष्य में कठिन
परिश्रम करते हुए नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यमंत्री
दानिश आजाद अंसारी, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, पूर्व कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय,
विधायक
केतकी सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय यादव, डीएम रवींद्र कुमार आदि उपस्थित रहें।
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