उत्तर प्रदेश विधान सभा का शीतकालीन सत्र कल यानि 28 नवम्बर को सुबह 11 बजे से शुरू हो रहा है। सत्र आरम्भ होने से पहले आज सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की ओर से सभी दलों के नेताओं से सुचारू रूप से सदन चलाने की अपील की गई, जिसके बाद सभी दलों के नेताओं ने सहयोग का आश्वासन दिया।
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सर्वदलीय बैठक में नेता सदन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा नेता विरोधी दल अखिलेश यादव के स्थान पर समाजवादी पार्टी से मनोज पाण्डेय, सुभासपा से ओम प्रकाश राजभर, निषाद पार्टी से डॉ. संजय निषाद, कांग्रेस पार्टी से आराधना मिश्रा ‘मोना’, जनसत्ता दल से रघुराज प्रताप सिंह, बहुजन समाज पार्टी से उमाशंकर सिंह समेत अन्य दलों के नेता शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी दलों के नेताओं के साथ नई नियमावली का लोकार्पण किया।
इस बार यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों के विधायक सदन में न तो झंडे ला सकेंगे और न ही बैनर लहरा सकेंगे। सदन के अंदर इस सत्र से अब किसी को भी किसी तरह के दस्तावेज को फाड़ने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही मोबाइल के साथ प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। चार दिनों तक चलने वाले इस सत्र में योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी।
इस सत्र से विधानसभा का संचालन उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली 2023 के मुताबिक होगा। नई नियमावली को मॉनसून सत्र में सदन की मंजूरी मिली थी। पिछले सत्र तक विधानसभा का संचालन 1958 की नियमावली के मुताबिक किया जाता था। नई नियमावली के अनुसार अब सदस्य न तो अध्यक्ष पीठ (आसन) की तरफ पीठ करके बैठेंगे और न ही खड़े होंगे। सदस्यों के अध्यक्ष पीठ तक जाने की भी मनाही होगी। कोई जरूरी काम होने पर पीठासीन अधिकारी के जरिए पर्ची अध्यक्ष को भेजी जा सकेगी। नई नियमावली में प्रश्नोत्तर के नियमों में भी बदलाव किया गया है।