मऊ में विधानसभा चुनाव के दौरान विवादित बयान देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास के साथ सह आरोपी बनाए गए उमर अंसारी की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा गया है। 2022 के चुनाव के दौरान एक जनसभा में अब्बास पर हिसाब-किताब करने वाला बयान देने का आरोप था, उस वक्त अब्बास के साथ उमर भी वहां मौजूद थे।
ये भी पढ़ें- लखनऊ: बिल्डर मोनिस और सिराज पर केस दर्ज, मानक विपरीत इमारत बनवाने का आरोप
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ के कोतवाली नगर में विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी द्वारा दिए गए विवादित बयान मामले में अब्बास के साथ आरोपी बनाए गए उमर अंसारी की मिली अंतरिम राहत को बरकरार रखा गया है। कोर्ट ने उमर की अग्रिम जमानत अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने उमर अंसारी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित करते हुए दिया। हालांकि, कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
गुरूवार को सुनवाई के दौरान याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने पक्ष रखते हुए कहा कि विवादित बयान से याची का कोई मतलब नहीं है। पुलिस ने सभा में मौजूद होने की वजह से प्राथमिकी दर्ज की है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया और पहले से जारी अंतरिम अग्रिम जमानत को अगली तिथि तक बरकरार रखा।
दरअसल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी ने एक सभा के दौरान हिसाब किताब करने वाला बयान दिया था। उस सभा में उमर भी मौजूद थे। पुलिस ने अब्बास के साथ उमर सहित कई लोगों को आरोपी बनाते हुए मऊ के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। अब्बास अंसारी को इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।