Lucknow News: बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टर जींस-टीशर्ट पहनकर अस्पताल नहीं आ सकेंगे। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को फॉर्मल ड्रेस में ही आने के महानिदेशालय के आदेश के बाद अस्पताल प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं। अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मेहरोत्रा ने बताया कि महानिदेशालय के आदेश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। सभी डॉक्टरों को फॉर्मल ड्रेस में ही अस्पताल में हाजिरी लगानी होगी। डॉक्टर पैंट-शर्ट के साथ सफेद कोट पहने नजर आएंगे। वहीं अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए पहले से ही ड्रेस कोड लागू है।
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बलरामपुर अस्पताल में अब फेफड़े की भी जांच हो सकेगी। अस्पताल को नई ब्रांकोस्कोप मशीन मिलने जा रही है। लोकबंधु अस्पताल में बिना उपयोग के रखी यह मशीन डीजी हेल्थ के निर्देश पर बलरामपुर अस्पताल में लगाई जा रही है। बलरामपुर अस्पताल की टीबी एंड चेस्ट ओपीडी में रोजाना 150-200 मरीज आते हैं। इनमें से कई मरीजों को डॉक्टर फेफड़े की जांच लिखते हैं। अस्पताल में जांच की सुविधा न होने पर मरीज केजीएमयू या दूसरे निजी केंद्र जाते थे।
लोकबंधु अस्पताल में मैन पावर न होने के कारण ब्रांकोस्कोप मशीन करीब डेढ़ साल से डिब्बे में पैक रखी थी। बलरामपुर अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की सुविधा लिए मशीन की मांग की थी।
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इस पर डीजी हेल्थ ने लोकबंधु अस्पताल में रखी मशीन बलरामपुर अस्पताल को देने का निर्देश दिया है। मशीन हैंडओवर करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया मशीन आने से मरीजों को सुविधा मिलेगी।
फेफड़ों की जांच के लिए एक छोटी ट्यूब नाक या मुंह द्वारा मरीज के फेफड़ों में डाली जाती है। यह परीक्षण फेफड़ों की बीमारी की जांच करने या बलगम हटाने के लिए किया जाता है। इसमें टिश्यू का एक छोटा टुकड़ा निकालकर उसकी प्रयोगशाला में जांच की जाती है। इसे दूसरी भाषा में बायोप्सी भी कहते हैं। ब्रॉन्कोस्कोपी होने में कम से कम 30 से 60 मिनट तक का समय लगता है। ब्रॉन्कोस्कोपी के बाद मरीज को एक से तीन घंटे तक रिकवरी रूम में ही रहना पड़ता है।