बरेली की नेहा असमत ने घर वापसी करते हुए हिंदू धर्म अपना लिया। पेशे से शिक्षिका नेहा असमत ने सनातन धर्म अपनाने के बाद अपना नाम नेहा सिंह रखा है। नेहा भगवान शिव को अपना आराध्य मानती हैं और वे महाकाल के दरबार में हाजिरी भी लगा चुकी हैं।
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नेहा के पिता असगर अली बीज विकास निगम में लेखाकार थे। नेहा के अनुसार शुरू से ही हिंदू धर्म के प्रति उनकी आस्था थी। बरेली कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद वे अभी बीएड की पढ़ाई कर रहीं हैं। इसके अलावा वे शिक्षिका भी हैं।
नेहा ने बताया कि उनकी बहन शबाना, गजाला, बहनोई डॉ. आसिफ और तनवीर अहमद,, मां रानी बेगम के साथ मिलकर उसकी शादी ऐसे अधेड़ व्यक्ति से करने की साजिश कर रहे थे, जो अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद उसका हलाला करा चुका था। परिवार के इस फैसले का नेहा ने खूब विरोध किया। इसे लेकर पूरा परिवार उसपर दबाव बनाने लगा। अपने भविष्य को लेकर नेहा ने स्वेच्छा से घर छोड़ दिया और इस्लाम को त्यागकर वैदिक रीति रिवाज से सनातन धर्म अपना लिया।
नेहा के अनुसार, उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ा है और बगैर किसी दबाव के सनातन धर्म अपनाया है। नेहा ने बताया कि परिवार से उसे जान का खतरा है। नेहा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बरेली की डीएम और एसएसपी को पत्र भेजकर परिवार से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है। उसने यह भी कहा है कि अगर सुरक्षा को लेकर उसे कोई भी परेशानी हुई तो इसका जिम्मेदार उसका परिवार होगा।