हमीरपुर में 160 परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। बेसिक शिक्षा के नवंबर माह की जांच में 50 प्रतिशत से कम छात्र-छात्राओं की उपस्थिति होने पर ये कार्रवाई की गई है। इन अध्यापकों से अब स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आलोक सिंह ने बताया कि स्कूलों में आईवीआरएस कॉल हर रोज़ आती है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों की उपस्थिति और एमडीएम की रिपोर्ट विद्यालय के प्रधानाध्यापक से ली जाती है। नवंबर माह में छात्र संख्या सत्यापन में जिले के 160 विद्यालय ऐसे पाए गए, जिसमें 50 प्रतिशत से भी कम छात्र संख्या पाई गई। इस आधार पर शिक्षकों के प्रति ये कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि शासन के आदेश हैं कि सभी विद्यालयों में छात्र संख्या शत-प्रतिशत होनी चाहिए, ताकि निपुण भारत कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाया जा सके। इसमें एमडीएम को लेकर भी सजग किया जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि गैर हाजिरी में सबसे ज्यादा खराब स्थिति कुरारा ब्लॉक के स्कूलों की है।
वहीं शिक्षकों का वेतन रोके जाने से जिले में हलचल बढ़ गई है। शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को बताया कि जिले में ज्यादातर विद्यालयों के छात्र अपने अभिभावकों के साथ गैर जिले में ईट-भट्टे में काम करने जाते हैं। कुछ छात्र दो-दो विद्यालयों में नाम लिखवाए हुए हैं। इससे उनकी उपस्थिति कम हो जाती है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह किसी तरह बच्चों को स्कूल के लिए प्रेरित करें।