ग्रेगोरियन कैलंडर के अनुसार 17 दिसम्बर वर्ष 2023 का351वां दिन है। इस तरह वर्ष में अभी 14 दिन और बाकी हैं। दिसंबर
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का बारहवां और आखिरी महीना है।
जबकि विक्रम संवत 2080
के अनुसार आज रविवार है, शिशिर ऋतु के
मार्गशीर्ष मास का शुक्ल पक्ष है और तिथि पंचमी है।
आज का राहुकाल 04:09 पी. एम. से 05:27 पी. एम.
तक है अतः किसी भी शुभ कार्य का प्रारम्भ राहुकाल में न करें।
इसके अलावा आज का
अभिजित मुहूर्त 11:56 ए. एम. से 12:38 पी.
एम. तक है, इस समय आप किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं,
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभिजित मुहूर्त में किए गए कार्यों में
सफलता की संभावना अधिक रहती है।
आज है विवाह पंचमी
धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन ही भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। हर
वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। इस
बार विवाह पंचमी का त्योहार 17 दिसंबर को मनाया जाएगा। विवाह
पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन श्री राम
और माता सीता के विवाह का आयोजन भी किया जाता है।
इतिहास के पन्नों में 17 दिसम्बर के दिन कई
घटनाएं दर्ज हैं, हम आपको 17 दिसम्बर को भारतीय
इतिहास की कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं के विषय में जिन्हे जानकर आपका सामान्य ज्ञान
बढ़ेगा।
आज राष्ट्रीय सेवानिवृत्ति दिवस है,
सेवानिवृत्ति व्यक्ति के जीवन का बहुत भावनात्मक क्षण होता है, क्योंकि जन्म के
बाद जैसे ही व्यक्ति सुध सम्भालता है, वह सांसारिकताओं में उलझता जाता है, और
सेवानिवृत्ति के उपरांत उसे ऐसा लगता है कि जीवन का उद्देश्य पूर्ण हो गया।
हालांकि बहुत से लोग सेवानिवृत्ति के बाद पुनः अपने कुछ लक्ष्य निर्घारित करते हैं
और उन्हें पूर्ण करने में लग जाते हैं, और जीवनपर्यंत सक्रिय रहते हैं।
आगे बढ़ते हैं, और जानते हैं आज यानि 17
दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाओं के विषय में। क्यों है आज का दिन भारतीय इतिहास में विशेष।
17 दिसंबर 1927 को प्राख्यात अमर बलिदानी स्वतंत्रता सेनानी और
क्रान्तिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को निर्धारित तिथि से २ दिन पूर्व ही ब्रिटिश
सरकार ने गोण्डा जेल में फाँसी दे दी थी। राजेंद्रनाथ नाथ के निधन के बाद
क्रांतिकारियों में रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के विरोध का
झंडा और भी बुलंद कर दिया।
17 दिसंबर 1927 को राजेंद्रनाथ लाहिड़ी की फांसी के ठीक एक साल बाद वर्ष 1928 में भगत सिंह,
सुखदेव और राजगुरु ने ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेम्स सॉन्डर्स को
लाहौर में मार गिराया।
वर्ष 1933 में भारत
के दिग्गज क्रिकेटर लाला अमरनाथ ने अपने पदार्पण टेस्ट मैच में ही 118 रनों की बेहतरीन पारी खेली।
और
17 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की शर्मनाक हार और भारत की जीत के साथ ही
बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया। और इसी के साथ भारत-
पाक युद्ध समाप्त हो गया।
17
दिसंबर 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 3,000 से अधिक संतों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वाराणसी उत्तर
प्रदेश में श्री काशी विश्वनाथ धाम के चरण 1 का उद्घाटन
किया।
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17 दिसम्बर को जन्मे
व्यक्ति
17 दिसंबर 1556 को अकबर के दरबारी कवि अब्दुर्रहीम खानखाना
का जन्म हुआ था। रहीम एक कवि और भगवान कृष्ण के परम भक्त थे। उनके लिखे दोहे आज भी
प्रासंगिक हैं
17 दिसम्बर को हुए निधन
17
दिसंबर 1965 को पूर्व सेना प्रमुख जनरल के. एस थिमय्या का साइप्रस में निधन हो गया
था। वे भारतीय सेना के 6 वें
कमांडर-इन-चीफ थे उन्हें पद्म भूषण और माववीरचक्र
से सम्मानित किया गया था। वे 1948 में कश्मीर में पाकिस्तानी
आक्रमणकारियों को हराने वाली भारतीय सेना के प्रमुख थे।