मथुराः उत्तरुप्रदेश के मथुरा में श्रीधाम वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालुओं
की भीड़ लगी रहती है। श्रद्धालुओं को सोशल मीडिया पर खबर मिली कि स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की प्रतिदिन
होनेवाली पद यात्रा बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्थगित कर दी गई है। जानकारी मिलते ही पत्रकारों की टीम स्वामी प्रेमानंद के आश्रम श्री राधा केलीकुंज पहुंच गई। यहां महाराज जी के सेवादारों ने बताया कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए
सोमवार- मंगलवार की मध्यरात्रि से अनिश्चितकाल के लिए पदयात्रा स्थगित कर दी गई है।
बातचीत में देशभर से आए हुए श्रद्धालुओं ने स्वामी प्रेमानंद की पदयात्रा स्थगित होने पर निराशा जताई, आपको बतादें कि स्वामी प्रेमानंद के आश्रम में देर रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठी हो जाती है और फिर श्रद्धालु स्वामी जी के पीछे पीछे पदयात्रा करते हैं, या फिर उनके सम्मान में पुष्प वर्षा करते हैं। लेकिन जैसे ही श्रद्धालुओं को पदयात्रा स्थगित होने की जानकारी मिली उनमें निराशा व्याप्त हो गई।
रात में आश्रम श्री राधा केलीकुंज जाते हैं महाराज
उल्लेखनीय है कि स्वामी प्रेमानंद जी महाराज प्रतिदिन एक निश्चित मार्ग से रात्रि लगभग 2 बजे से 3 बजे के बीच में पद यात्रा
करते हुए अपने आश्रम श्री राधा केलीकुंज में जाते हैं। इस दौरान सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में श्रद्धालु
महाराज श्री के दर्शनों के लिए खड़े रहते हैं। कोई सड़क पर फूलों से रंगोली बनाता है तो कोई बैंड बाजों के साथ महाराज
जी का स्वागत करता है। महराज के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग देश के विभिन्न राज्यों से श्री धाम
वृंदावन पहुंचते हैं।
पदयात्रा स्थगित होने से मार्ग में फूलों की दुकान लगाए बैठे विक्रेताओं में भी निराशा है, फूल बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि
महाराज जी जब पद यात्रा करते हैं तो रात में 2 से 3 हजार रुपए तक के फूल बिक जाते हैं, लेकिन अब जब पता
चला है कि महाराज जी की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है तो निश्चित तौर पर उनकी बिक्री पर
असर पड़ेगा। दुकानदारों ने बताया कि रात 12 बजे से ही फूल बिकने शुरू हो
जाते थे, लेकिन अब रात के 2 बजने वाले हैं, लेकिन आज उनके फूलों की बिक्री काफी कम हुई है।
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वहीं, चाय बेचने
वाले एक विक्रेता ने फूल विक्रेताओं जैसी ही प्रतिक्रिया दी। स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की प्रतिदिन पदयात्रा से बहुत सारे लोगों की आजीविका चलती है। स्वामी प्रेमानंद की यात्रा से पहले जिस मार्ग पर आवाजाही कम रहती थी,
अब उस मार्ग पर फूलों की दुकानें, चाय की दुकानों सहित अन्य दुकानें रात 12 बजे से लेकर सुबह के 4 बजे तक खुली
रहती हैं। महाराज जी की पदयात्रा से इन दुकानदारों की काफी बिक्री होती है। कुल मिलाकर जहां एक तरफ स्वामी
प्रेमानंद जी महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होनेसे उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं को निराशा हुई है तो
वहीं उनकी पदयात्रा के दौरान फूल और चाय बेचकर कमाई करने वाले दुकानदार भी निराश हैं।