लखनऊ के पीजीआई में प्रदेश का पहला एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर खोला जाएगा। इसके लिए योगी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। ये प्रदेश का पहला ऐसा सेंटर होगा, जहां बच्चों से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज अलग-अलग पीडियाट्रिक एक्सपर्ट करेंगे। यह सुविधा अभी तक प्रदेश के किसी भी इंस्टीट्यूट और मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए योगी सरकार 199 करोड़ 10 लाख 52 हजार रुपए खर्च करेगी।
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एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. डॉ. आर के धीमान ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 40 प्रतिशत आबादी 0-18 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों की है। ऐसे में लंबे समय से उनके बेहतर इलाज के लिए एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस पर योगी सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे कैबिनेट में मंजूरी दे दी गयी। ऐसे में पीजीआई में 575 बेड का एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर खोला जाएगा, जिसमें 20 से अधिक विभाग और 6 यूनिट काम करेंगी।
सेंटर की स्थापना दो फेज़ में की जाएगी। पहले फेज़ में 310 बेड की स्थापना की जाएगी, जिसमें 12 विभाग और 4 यूनिट काम करेंगी। इसमें 163 बेड नॉर्मल, 54 बेड आईसीयू, 28 बेड एचडीयू, 20 बेड आइसोलेशन और 45 बेड प्राइवेट के होंगे। वहीं दूसरे फेज में 265 बेड और बढ़ाए जाएंगे। उसमें अतिरिक्त 9 विभाग और 2 यूनिट को जोड़ा जाएगा। इसमें 158 नार्मल बेड, 13 आईसीयू बेड, 10 एचडीयू बेड, 21 आईसोलेशन बेड और 63 प्राइवेट बेड होंगे।
निदेशक ने बताया कि पहले फेज में 12 विभाग और 4 यूनिट काम करेंगी। इनमें जनरल पीडियाट्रिक, पीडियाट्रिक एंकोलॉजी, पीडियाट्रिक इमरजेंसी, पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी, पीडियाट्रिक इंडोक्राइनोलॉजी आदि विभाग शामिल हैं जबकि यूनिट में पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, डे केयर और पीडियाट्रिक मेडिकल जेनेटिक शामिल हैं।
वहीं पहले फेज में सबसे ज्यादा 60 बेड जनरल पीडियाट्रिक के होंगे। इसी तरह दूसरे फेज में अतिरिक्त 9 विभाग और 2 यूनिट काम करेंगी। इनमें पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी, पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक यूरोलॉजी और पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक एंड फिजीकल मेडिसिन आदि विभाग शामिल हैं, जबकि यूनिट में सोशल पीडियाट्रिक्स और डेवलपमेंटल पीडियाट्रिक यूनिट शामिल हैं।