Meerut News: मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) के पं. दीनदयाल हॉस्टल में शनिवार रात हुए बवाल के मामले में विवि ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विवि ने मंगलवार को चार छात्रों को निष्कासित करने के नोटिस जारी किए गए। इनके अलावा सात की अल्पकालिक निलंबन के साथ सिक्योरिटी मनी जब्त कर ली गई है। जबकि 45 छात्रों को अंतिम चेतावनी नोटिस जारी किए गए हैं।
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विवि के पं. दीनदयाल उपाध्याय हॉस्टल में दो छात्र गुटों के बीच बाजार से मीट लाने पर संघर्ष हो गया था। जब बवाल चीफ प्रॉक्टर और चीफ वार्डन से नहीं संभाला तो पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा था। जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके बवाली छात्रों पर काबू पाया था। रविवार को कुलपति के निर्देश पर चीफ वार्डन प्रो. दिनेश कुमार ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालकर बवाल करने वाले 50 छात्रों को चिह्नित किया था। चीफ वार्डन प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि इसके लिए कुलपति का अनुमोदन मिल गया है। सीसीएसयू कुलपति कार्यालय में सोमवार को एक पत्र आया, जो चर्चा का विषय बना है। यह पत्र जेल में बंद एक छात्र का बताया जा रहा है।
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जिसमें भ्रष्टाचार और छात्रों की समस्याएं उजागर करने की वजह से निर्दोष छात्रों को जेल भेजने का आरोप लगाया गया है।इस पत्र में कहा गया कि विभिन्न छात्र-छात्राओं की समस्याओं को आपके समक्ष रखा गया। हम लोग ने कुछ समय पहले विवि परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा उठाया था। एक दिसंबर को कुलसचिव कार्यालय के नीचे मारपीट और फायरिंग हुई थी। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो फिर भी विवि प्रशासन के इशारे पर समस्याएं उठाने वालों को जेल भेज दिया गया है। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि वह कुलपति कार्यालय में खड़ा हुआ था। जहां से पुलिस कुलपति के दबाव के चलते गिरफ्तार करके ले गई। उसने कहा कि इस तरह से दबाव बनाने से विवि की समस्याएं खत्म नहीं हो सकती है।