Lucknow:- भगवान राम के वैभव का जितना भी बखान किया
जाए वह कम है। वह न केवल जनप्रिय
युवराज थे बल्कि परम आज्ञाकारी पुत्र, संन्यासी राजा, महापराक्रमी योद्धा, मर्यादा पुरुषोत्तम, पत्नीव्रता पति, परम अनुरागी ज्येष्ठ
भ्राता और करुणा व शरणागत को संरक्षण देने वाले करुणासागर हैं। उनके इन्हीं
सद्गुणों और उत्तम चरित्र से न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देश नसीहत लेते हैं।
यही कारण है कि भगवान राम न केवल भारत बल्कि वैश्विक आस्था का प्रतीक केंद्र भी
हैं। इसी भावना को देश-विदेश में वृहद स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने की दिशा में
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशन में विस्तृत
कार्ययोजना बनाई गई है।
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सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी की
अध्यक्षता में लखनऊ में समीक्षा बैठक हुई। इस समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया है
कि भगवान राम को वैश्विक आस्था के केंद्र के तौर पर प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा।
इसके लिए सरकार अयोध्या में देश-विदेश के 18 से ज्यादा रामलीला स्वरूपों का मंचन करवाएगी। इसके साथ
प्रभु श्रीराम को केंद्र में रखकर विभिन्न सांस्कृतिक, पारंपरिक लोककला एवं
आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। यूं तो रामलीला का मंचन भारत के
विभिन्न प्रांतों में स्थानीय परंपरागत शैली के अनुरूप होता है, मगर विदेशों में भी
रामलीला का मंचन होता रहा है। अयोध्या नगरी में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर
प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए मकर
संक्रांति 15 जनवरी से 22 जनवरी के मध्य इन विभिन्न
रामलीला प्रारूपों का मंचन अयोध्या के विभिन्न सांस्कृतिक केंद्रों में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विरामजान होंगे। इस अवसर
को अद्वितीय, अविस्मरणीय व अलौकिक बनाना है। इस कार्यक्रम में एक तरफ जहां
देश-विदेश के कलाकार रामायण आधारित रामलीला की प्रस्तुति देंगे तो वहीं
लोकपरंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। नेपाल, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि
देशों के रामलीला मंडलियों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। तुलसी भवन स्मारक
स्थित तुलसी मंच पर देश- विदेश की विभिन्न रामलीलाओं का मंचन प्रस्तावित हैं। जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम,
केरल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर,
लद्दाख और चंडीगढ़ की मंडली भी श्रीराम के जीवन पर आधारित
विभिन्न प्रसंगों की प्रस्तुतियां देंगी।