हिट
एंड रन के मामलों में केंद्र सरकार और ऑल इंडिया मोटर
ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के बीच मंगलवार
को हड़ताल खत्म करने के लिए सहमति बन गई है। हड़ताल खत्म करने पर सहमति के बाद नई
दिल्ली में सरकार की ओर से केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला ने कहा कि हमने आश्वासन
दिया है, कि हिट एंड रन का नया कानून AIMTC से चर्चा
के बिना लागू नहीं किया जाएगा। बैठक के बाद AIMTC और सरकार
ने ट्रक ड्राइवर्स से काम पर लौटने की अपील की है।
AIMTC ने केन्द्र सरकार से हिट एंड रन कानून
पर विचार करने को कहा
ऑल
इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने केन्द्र सरकार द्वारा हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया था। संगठन के आह्वान के बाद ही चक्का जाम कर हड़ताल शुरू
हुई थी। सरकार के आश्वासन के बाद फिलहाल AIMTC ने ट्रक हड़ताली ड्राइवर्स से काम पर लौटने की अपील की है। कानून में संशोधन को लेकर AIMTC की अगली बैठक 10 जनवरी को होगी। इसमें फैसला लिया जाएगा कि अगर सरकार उनकी मांगें
नहीं मानती है, तो आगे क्या करना है।
इरादा
अच्छा पर प्रस्तावित कानून में कई खामियां
AIMTC के अध्यक्ष अमृत मदान ने कहा है कि हिट
एंड रन कानून के पीछे सरकार का इरादा अच्छा है, लेकिन प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। सरकार
को दोबारा सोचने की जरूरत है। उन्होंने
कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का सबसे बड़ा
योगदान है और इस समय देश वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं
है। ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर
हैं।
देश
में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर
ट्रकों
की हड़ताल से जरूरी चीजों के दाम बढ़ेंगे इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने
को मिलेगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को
मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को
आवाजाही में दिक्कत होगी। भारत में 28 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल
100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक
ड्राइवर हैं, जो कि एक शहर से दूसरे शहर हर दिन जरूरत का
सामान ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने
से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।
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जानिये
क्या हुआ हिट एंड रन कानून में संशोधन
केन्द्र
सरकार की तरफ से हिट एंड रन कानून में बदलाव करते हुए कहा गया था, कि भारतीय न्याय
संहिता में हिट एंड रन के मामलों में लापरवाही से मौत में विशेष प्रावधान किए गए हैं। हिट
एंड रन कानून के अनुसार यदि चालक के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर किसी की
मौत होती है और ड्राइवर पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है, तो ऐसे में उसे 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना लगेगा।
जानिये
अब तक क्या रहा हिट एंड रन कानून
हिट
एंड रन कानून में अभी दो साल की सजा का प्रावधान था। आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान के बाद 304ए (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत रिपोर्ट
दर्ज की जाती है। इसमें दो साल तक सजा का प्रावधान है। वाहन चालक दुर्घटना के बाद
भाग जाते थे।