Hamirpur news: हमीरपुर जिले में चन्द्रावल नदी किनारे बसे आधा दर्जन गांवों की तस्वीर आज भी जस की तस बनी हुई है। कहने को तो स्वतंत्रता के 76 साल बीत गए लेकिन ये गांव आज भी विकास के लिये तरस रहा है। जिसका नतीजा साफ देखा जा सकता है कि नदी पार करने के लिए एक पुल तक नहीं मिल सका। इसी वजह से स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को पैदल ही नदी पार करनी पड़ती है।
आपको बता दें कि चन्द्रावल नदी को पार करने के लिए पुल बनाने की मांग की गई थी ,लेकिन स्वतंत्रता के 76 साल बाद भी इस पर सरकार या प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसी के चलते मुख्यालय आने-जाने के लिए लोगों को पैदल ही नदी पार करनी पड़ती है। इस मामले पर किसवाही गांव के प्रधान अशोक सिंह ने बताया कि सिसोलर क्षेत्र से गांव की ओर आने वाली सड़क ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
सदर विधायक की बातें हुई हवा-हवाई साबित
उल्लेखनीय है कि पिछले साल चन्द्रावल नदी के जलभराव में सरकारी एम्बुलेंस पानी में फंस गई थी, गनीमत रही कि प्रसव पीड़ा से छटपटाती महिला समेत कई लोग बाल-बाल बच गए थे। फिलहाल सदर विधायक डा.मनोज प्रजापति ने पुल निर्माण कराने के लिये विधानसभा के सदन में प्रश्न उठाने की बात कही थी, लेकिन यह बातें भी हवा हवाई ही साबित हुईं।
चन्द्रावल नदी किनारे बसे गांव आज भी बदहाल
आपको बता दें कि इस मामले पर नदी किनारे बसे गांव के लोगों ने बताया कि लोगों को नदी पार करने के लिए एक पुल तुक नहीं मिल सका। नदी पर पुल बनाने के लिए कई बार आंदोलन भी चलाए गए, इसके बाद भी सफलता नहीं मिली। बता दें कि हमीरपुर जनपद के शिवसेना के प्रदेश उपप्रमुख रतन ब्रह्माचारी ने बताया कि चन्द्रावल नदी पर पुल बनाने की मांग के लिए फिर से प्रयास किए जाएंगे।