Hamirpur News: हमीरपुर जिले की अनीता ने आखिरकार संसार को अलविदा कह दिया। अनीता नाम की इस महिला को जालंधर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। एम्बुलेंस से शव घर लाते समय बीच रास्ते में ये अचानक जीवित हो उठीं और पति से पानी मांगने लगीं। महिला के दोबारा जीवित होने पर पति समेत परिजनों की आंखें खुशी से भर आई थीं। घर लौटने पर इनके मरकर जीने की खुशी में जश्र मनाया गया था, लेकिन कुछ ही दिन बाद अनीता ने पति और बच्चों के सामने दम तोड़ दिया।
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हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र के सदर गांव निवासी मादादीन रैकवार की 33 वर्षीय अनीता पत्नी कैंसर से पीड़ित थीं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद उन्हें बचाने के लिए पति ने हमीरपुर, मध्यप्रदेश और पंजाब तक बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाए। कैंसर बीमारी की पुष्टि होने के बाद मातादीन ने अपनी पत्नी को पिछले माह जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। डाक्टरों ने उनका इलाज किया लेकिन दो सप्ताह बाद ही अनीता की मृत्यु हो गई। डाक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया था। अंतिम संस्कार के लिए पत्नी का शव परिजन एम्बुलेंस से गांव ला रहे थे। तभी नोएडा के बाद अचानक महिला की सांसें चलने लगीं और कुछ ही देर में वह उठकर अपने पति से पीने के लिये पानी मांगने लगीं। अचानक पत्नी के जिन्दा होकर पानी मांगने पर पति और एम्बुलेंस स्टाफ सकते में आ गए।
फिर प्रकृति का चमत्कार मानकर पति ने पत्नी को सीने से लगा लिया। भगवान को धन्यवाद कहते हुए पत्नी को घर लाया गया, जहां उसके दोबारा जीवित होने पर घर में जश्र मनाया गया। मंदिर में भी पूजा की गई। परिजनों के अलावा पड़ोस के लोग भी अनीता के दोबारा जीवित होने पर हैरत में पड़ गए। लेकिन कुछ ही दिन बाद ये खुशी दुख में बदल गई। घर में 10 दिनों तक महिला अपने बच्चों और परिजनों के साथ हंसी खुशी के पल बिताए, लेकिन अचानक उसकी हालत ऐसी बिगड़ी कि उसे अस्पताल जाने का मौका तक नहीं मिला।
परिजनों के सामने ही अनीता की सांसे टूट गईं। उनकी मौत से पति बदहवास है वहीं बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। मातादीन ने बताया कि अनीता को बचाने के लिए उन्होंने उपचार में कोई कमी नहीं छोड़ी, लगभग 5 लाख रुपये खर्च हो गए। रिश्तेदारों और गांव के कुछ लोगों से लाखों रुपये का कर्ज लेकर बड़े अस्पतालों में इलाज कराया गया, लेकिन मरकर जीवित होने के बाद पत्नी फिर उन्हें छोड़कर चली गईं। मातादीन ने बताया कि डाक्टरों ने पत्नी को मृत घोषित किया था। तब उसके शव को जालंधर से हमीरपुर लाने के लिए तीस हजार रुपए में एम्बुलेंस किराये पर ली थी। मरने के बाद कई घंटे बाद पत्नी के अचानक बीच रास्ते में जीवित होने पर उन्हें बड़ी खुशी हुई थी लेकिन ये खुशी आखिरकार दुख में बदल गई।
Woman returned home after defeating death