Bangladesh Election:
बांग्लादेश में हुए चुनाव
की मतगणना में शेख
हसीना की पार्टी आवामी लीग ने 300
संसदीय सीटों में से 224 सीटों पर जीत दर्ज की है। वही बांग्लादेश की जातीय पार्टी को चार सीटें मिली हैं।
62 सीटों पर निर्दलीय जबकि अन्य के खाते में एक-एक सीट आई है। बाकी बची दो सीटों
पर अभी काउंटिंग जारी है।
बांग्लादेश में जीत के बाद
एक बार फिर शेख हसीना पीएम
बनने जा रही हैं। रविवार को हुए आम चुनाव में उनकी पार्टी आवामी लीग ने 300 सीटों में से 224 सीटों पर जीत हासिल की। शेख हसीना पांचवीं बार पीएम बनेंगी।
1991 से 1996 तक शेख हसीना पीएम के पद पर रह चुकी हैं। अभी तक की हुई मतगणना में शेख हसीना की पार्टी आवामी
लीग को 300 संसदीय
सीटों में से 224 सीटों पर जीत मिली है। बाकी बची दो सीटों पर अभी काउंटिंग की प्रक्रिया जारी है। शेख हसीना ने अपने संसदीय सीट गोपालगंज-3 से भारी जीत दर्ज की है। जिसमें उन्हें 2,49,965
वोट मिलें। वही उनके निकटतम
प्रतिद्वंदी एम. निजाम उद्दीन लश्कर को केवल
469 वोट मिले। गोपालगंज-3 से
शेख हसीना ने अब तक 1986 से आठवीं बार चुनाव में जीत हासिल की हैं।
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इस जीत के साथ शेख हसीना ने बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक पीएम बनने का रिकॉर्ड
दर्ज किया है। वह 2009 से बांग्लादेश में पीएम के पद पर आसीन हैं।
बांग्लादेश में 2018 के दौरान
हुए चुनाव में रिकॉर्ड 80 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार हुए आम चुनाव का विपक्षी
पार्टियों ने बहिष्कार किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि चुनाव में केवल 40
फीसदी ही मतदान हुआ। वही आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने
दावा किया कि लोगों ने वोट देकर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के बहिष्कार को खारिज कर दिया।
बांग्लादेश में चुनाव से पहले कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुई। रविवार को वोटिंग के दौरान देशभर में 18 जगहों पर कई घटनाएं हुईं, जिनमें से 10 घटनाओं में पोलिंग बूथ को निशाना बनाया गया।
पूर्व पीएम खालिदा जिया की
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं ने चुनावों को फर्जी बताया है। बीएनपी ने 2014 के चुनाव का भी
बहिष्कार किया। 2018 में पार्टी ने चुनाव लड़ा था। इस
बार फिर बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया।
उसके साथ ही 15 राजनीतिक
पार्टियों ने भी बहिष्कार किया था।
बीएनपी ने 48 घंटों की हड़ताल भी की थी, जिसमें जनता से वोट न देने की अपील की गई थी। बीएनपी के नेताओं ने दावा किया
कि कम वोटिंग इस बात का सबूत है कि उनका बहिष्कार सफल रहा।
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