अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान
में काशी नगरी मुख्य भूमिका निभा रही है। इसके अतिरिक्त काशी ने अब अयोध्या आने
वाले देशभर से हजारों भक्तों के खाने-पीने का उत्तरदायित्व भी
उठा लिया है। काशी के स्वामी नारायण मंदिर के महंत स्वामी प्रेम स्वरूप दास के
अनुसार प्राण-प्रतिष्ठा से लेकर 90 दिनों
तक अयोध्या में बनारसी लंगर चलेगा। हजारों भक्तों को प्रतिदिन शुद्ध देशी
घी से बनी कचौड़ी-जलेबी, पराठा-दही, दाल-चावल, बुंदिया-गुलाब जामुन या मालपुआ के साथ इडली-सांभर, डोसा भी खाने को मिलेगा। यह बनारसी
लंगर गुजरात के स्वामी नारायण संप्रदाय महासभा के अध्यक्ष स्वामी नरोत्तम प्रकाश
दास के दिशा-निर्देशन में लगाया जाएगा।
सच हुई राम मंदिर को लेकर देवरहा बाबा की भविष्यवाणी, जो कहा था- वही हो रहा है
अयोध्या नगरी में बनारसी लंगर आयोजकों के अनुसार
लंगर में प्रतिदिन हजारों भक्तों को तीन टाइम प्रसाद परोसा जाएगा। इसके लिए महंत
स्वामी प्रेम स्वरूप 13 जनवरी को 200 लोगों की टीम के साथ अयोध्या रवाना होंगे। इतना ही नहीं काशी की प्रेरणा से विशालकाय
नगाड़ा भी तैयार किया गया है, जिसको रामलला को समर्पित करने की तैयारी है। इस
नगाड़े का निर्माण काशी में बसे गुजरात के दबगर समाज के लोगों ने करवाया है। ऑल
इंडिया दबगर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद छतरीवाला ने बताया है कि गुजरात के
भरुच में एक इंच मोटी लोहे की चादर से नगाड़े का ढांचा तैयार किया गया है। नगाड़े
पर तांबे की परत और सोने-चांदी का पानी चढ़ाकर नक्काशी की गई है। नगाड़े की ऊंचाई
और व्यास 56-56 इंच है। इसका वजन 450
किलोग्राम है। इस नगाड़े को अहमदाबाद से रथ पर रखकर अयोध्या भेजा गया है।
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अगले माह से शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा
काशी-अयोध्या के बीच अगले माह से हेलीकॉप्टर
सेवा भी शुरू होने जा रही है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक आर.के. रावत ने यह
जानकारी दी है, उन्होंने बताया कि राजस एयरोस्पोर्ट ऐंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड
कंपनी काशी से अयोध्या के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराएगी। यह कंपनी
काशी-अयोध्या के अलावा प्रयागराज, मथुरा और गोरखपुर को हेलीकॉप्टर सेवा से
जोड़ेगी। इसकी कागजी प्रकिया अंतिम चरण में है। नमो घाट पर बने हेलीपैड से भक्त
अयोध्या, प्रयागराज की हवाई यात्रा कर सकेंगे।