Prayagraj news: भगवान श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह है। इसी बीच ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि वे श्री राम लला के समारोह में अयोध्या पहुंचे रहे हैं। जहां उन्होंने कहा कि ये सनातन के गौरव का बहुत ही प्यारा सा पल है। जिसके चलते आज हम सभी शंकराचार्य काफी खुश हैं।
दरअसल शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने श्री राम मंदिर कार्यक्रम में आने की बात कही है। और साथ ही फर्जी तरीके से अपने आप को शंकराचार्य बताने वालों को फटकार भी लगाई है। ये मामला सामने आया तो था, मगर श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के चलते मानों कई चर्चाओं पर विराम सा लग गया है।
अविमुक्तेश्वरानंद ने खुद को बताया शंकराचार्य
जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने आप को शंकराचार्य बता रहे थे, जहां उनका कहना है कि ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद के साथ चारों शंकराचार्य को प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अभी तक नहीं आया है। इसलिए हम में से कोई भी अयोध्या नहीं पहुंचेगा। लेकिन मैं ज्योतिषपीठ का शंकराचार्य होने के नाते श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जरूर शामिल रहूंगा।
अविमुक्तेश्वरानंद का पट्टाभिषेक अवैध
अविमुक्तेश्वरानंद मामले पर शंकराचार्य वासुदेवानंद ने कहा कि बीते दिनों न्यायालय ने अविमुक्तेश्वरानंद के पट्टाभिषेक पर रोक लगा दी थी। जिसका उल्लंघन करते हुए इन्होंने अपना पट्टाभिषेक करवा लिया, और अब खुद को शंकराचार्य भी बता रहे हैं जो कि ये पूरी तरीके से गलत है। इन पर तो अवमानना का मुकदमा चलना चाहिए। क्योंकि ये प्राण प्रतिष्ठा जैसे मुद्दे पर राजनीति कर रहे है जो कि सनातन प्रेमियों की आस्था से जुड़ा है, इस पर ऐसी विचारधारा ठीक नहीं है।
वहीं स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद किसी भी हाल में ज्योतिष्पीठ का शंकराचार्य नहीं है और ना ही ये कोई ब्राह्मण हैं, इसलिए इन्हें संन्यास का कोई अधिकार नहीं है।
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