चेन्नई: धरती पर बढ़ता तापमान हर साल नए-नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। साल 2023 पिछले सालों के मुकाबले सबसे अधिक गर्म रहा है। अमेरिका से प्रकाशित होने वाली अनुसंधान पत्रिका “डेली साइंस” में प्रकाशित 14 जनवरी की शोध रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पृथ्वी की औसत सतह का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म था।
न्यूयॉर्क स्थित नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) के वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले साल वैश्विक तापमान नासा के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1951-1980 की तुलना में 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक था। यह विश्लेषण नासा द्वारा संचालित नासा/गोडार्ड अंतरिक्ष फ्लाइट सेंटर की रिपोर्ट में दर्ज है।
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, ‘नासा और एनओएए की विश्व भर की तापमान रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि दुनिया के अरबों लोगों ने पिछले साल यह अनुभव किया था कि हम जलवायु संकट का सामना कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा ,अत्यधिक गर्मी से लेकर जंगल की आग तक, समुद्र के बढ़ते स्तर जैसे कई महत्वपूर्ण कारकों को हम देख सकते हैं कि हमारी पृथ्वी बदल रही है।
दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने 2023 में अत्यधिक गर्मी का अनुभव किया। जुलाई, 2023 अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। कुल मिलाकर, 2023 में पृथ्वी 19वीं सदी के उत्तरार्ध के औसत से लगभग 2.5 डिग्री फ़ारेनहाइट (या लगभग 1.4 डिग्री सेल्सियस) अधिक गर्म थी।
जीआईएसएस के निदेशक गेविन स्मिट ने कहा,जिस असाधारण गर्मी का हम अनुभव कर रहे हैं, वह मानव इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई है। उन्होंने आगे कहा कि यह कारण मुख्य रूप से हमारे जीवाश्म ईंधन के उत्सर्जन से जुड़ा हुआ है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि दीर्घगामी गर्मी बढ़ने की समस्या का कारण मानव गतिविधि पर जुड़ा हुआ है। हालांकि फिर भी वैज्ञानिक अन्य घटनाओं की जांच कर रहे हैं। जो अल नीनो, एरोसोल और पर्यावरण प्रदूषण से लेकर ज्वालामुखी विस्फोट जैसे कारक जलवायु परिवर्तन को प्रभावित कर सकते हैं।