Uttar Pradesh News- देश की उच्च अदालत में अखिल भारतीय संत समिति की तरफ से अयोध्या, मथुरा और काशी तीनों को
एक ही प्रस्ताव में रखा गया था। जिसमें से अयोध्या पर निर्णय हो चुका है। काशी और
मथुरा के मामले में निर्णय आने वाला है। यह देश धमकी से नहीं चलता। यह देश संविधान
से चलता है। हमने अदालतों के माध्यम से संवैधानिक तरीके से अयोध्या लिया है और अब काशी और मथुरा भी
लेंगे। यह बातें अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द
सरस्वती ने कही हैं। स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर आन्दोलन सदियों से चल रहा है।
इसमें हमारे दादा गुरु स्वामी शांतानन्द महाराज और मेरे गुरुदेव जगद्गुरु
शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती के बाद मैं आन्दोलन की तीसरी पीढ़ी से हूं।
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दुनिया के 125 देशों में रहने वाले हिन्दू समाज
के स्वाभिमान का सूर्योदय हो रहा है
स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि आंखों
के सामने उन सपनों को पूर्ण होते देखने का जो अनुभव आज हो रहा है, उसे
शब्दों से बता पाना आसान नही है। अपने पूर्वजों के संघर्ष और वर्तमान में संस्कृति
सभ्यता के संघर्ष का एक सुखद समापन अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के रूप
में हो रहा है। यह केवल अयोध्या और सूर्यवंश में राम की जन्मभूमि का ही सूर्यादय
नही है, अपितु यह सूर्योदय दुनिया के 125 देशों में रहने वाले हिन्दू समाज के
स्वाभिमान का सूर्योदय है। इस स्वाभिमान के दिवस को हम सब उत्सव के रूप में मना
रहे हैं।
राम मंदिर आन्दोलन में समिति की महत्वपूर्ण
भूमिका
अखिल भारतीय संत समिति का गठन पूज्य स्वामी
वामदेव ने देश के संतों को संगठित करने के लिए किया था। इस समिति से जुड़े संतों ने
गांव-गांव जाकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया। जिसके कारण समाज संगठित हुआ।
आन्दोलन में इस समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास, साहस,
शौर्य
व गृहमंत्री अमित शाह की सूझबूझ का परिणाम
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के
व्यक्तिगत प्रयास, साहस, शौर्य व गृहमंत्री अमित शाह की सूझबूझ
का ही यह परिणाम है कि राम मंदिर का मुकदमा सुना गया। मथुरा और काशी का केस भी
खुला है। उन्होंने कहा कि यदि नरेन्द्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री नहीं बने होते
तो सुप्रीम कोर्ट हमारे मामले की सुनवाई नही करता।
स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि हम सब
का परम कर्तव्य है। सपने देखो, संघर्ष करो और संस्कृति की जड़ों से
जुड़े रहो और अपनी सभ्यता को याद करते रहो। शायद पूरी दुनिया के मार्गदर्शन करने के
लिए ही सनातनी हिन्दुओं को परमात्मा ने पैदा किया है। हिन्दू समाज के लिए नरेन्द्र
मोदी ने कहा था कि अगर हम दुनिया में कुछ निर्यात कर सकते हैं, तो
हमारी गुरु परम्परा है और हमारा ज्ञान वैभव है। इस ज्ञान वैभव के लिए सनातनियों को
स्वयं में स्वाभिमान विकसित करना होगा।