Lucknow News: रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड REC द्वारा जारी की गई कंज्यूमर सर्विस सेवा की रेटिंग में प्रदेश की बिजली कंपनियों का बुरा हाल है। नोएडा को छोड़कर किसी भी कंपनी को ए-ग्रेड नही मिला है। इस पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार से बिजली कंपनियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है।
दिल्ली सहित प्रदेश के निजी क्षेत्र की बिजली कंपनी NPCL सबसे ऊपर ए-प्लस में टॉप पर है। वहीं आन्ध्रप्रदेश की तीन बिजली कम्पनियां ए-ग्रेड पाकर ऊपरी पायदान पर रही। सबसे निचले पायदान पर जम्मू कश्मीर व झारखण्ड की कंपनियां हैं। रूलर इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड (REC) द्वारा शुरू की गई।
पूरे देश के 62 डिस्कॉम के 32 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं की कंज्यूमर सर्विस रेटिंग दो दिन पहले जारी की गई। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाली सभी सेवाएं जिनमें विद्युत आपूर्ति, विद्युत कनेक्शन देने, बिलिंग संबंधित मामले, मीटर संबंधी मामले, उसका निस्तारण राज्य के सभी बिजली कंपनियों द्वारा तय मानक के आधार पर किया जाता है।
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उसके संबंध में REC द्वारा एक मानक बनाकर उस पर 100 मार्क के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में ग्रेडिंग किए जाने का प्रावधान किया है।
जहां बिजली डिस्कॉम के अंतर्गत पूरे देश में दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश की निजी क्षेत्र की कंपनी नोएडा पावर कंपनी को ए-प्लस श्रेणी का ग्रेड दिया गया। वहीं पूरे देश में उत्तर प्रदेश की केस्को कम्पनी जो वर्ष 2021-22 में सबसे ऊपर दिल्ली के बाद टॉप पर थी।
जो अब खिसककर बी-प्लस पर आ गई। वही पक्षिमांचल कंपनी सी-प्लस पे अटकी है। तो दक्षिणांचल, पूर्वांचल, मध्यांचल ने थोड़ा सुधार कर बी-ग्रेड में अपनी जगह बनाई है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों की सेवाओं में सुधार के लिए नकेल कसने की जरूरत है।
इसके लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। जिससे उपभोक्ताओं की परेशानी दूर हो सके। इस रेटिंग में कानपुर की केस्को, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को बी-ग्रेड मिला। वहीं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को सी-प्लस का ग्रेड मिला है।
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की देखरेख में कंज्यूमर सर्विस रेटिंग में आप डिस्कॉम का खुलासा किया गया है। उससे एक बात तो साफ हो गई कि प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं की सेवाओं में भारी गिरावट को देखा जा रहा है। इससे यह सिद्ध होता है कि प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीडन एन केन प्रकारेण अधिकतम सीमा पर किया जा रहा है।
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