Ayodhya News- अयोध्या के बहुचर्चित मनोज शुक्ला हत्याकांड में पीड़ित
परिवार को 8 वर्ष के बाद न्यायालय से इंसाफ मिला है। हत्याकांड के करीब 8 वर्ष
बाद न्यायालय ने मुख्य अभियुक्त समेत कुल 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
है। इसके साथ ही अपराधियों पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है। मामले
में आरोपी बनाए गए एक अभियुक्त मनुज मेहरोत्रा को न्यायलय ने बरी कर दिया है। अभियुक्त
मनुज मेहरोत्रा पर दोष सिद्ध नहीं हो सका।
अयोध्या जनपद के सिविल लाइन स्थित एक होटल में
खाना खाने के बाद मनोज का बदमाशों के साथ विवाद हुआ था। इस विवाद को लेकर बेहद
दबंग प्रवृत्ति के आशीष सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर मनोज शुक्ला का अपहरण कर
लिया था। उसके बाद उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। फिर उसकी हत्या कर दी गई। वारदात
के 2 दिन बाद मनोज का शव पास के दूसरे जनपद गोंडा के मसकनवा क्षेत्र में रेलवे
ट्रैक पर 6 टुकड़ों में पाया गया था।
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यह हत्याकांड बेहद चर्चा में रहा इसको लेकर अयोध्या में बहुत हंगामा भी हुआ था। एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 13 जून
2019 को राघवेन्द्र शुक्ल ने कोतवाली नगर में शिकायत की थी, कि 12 जून 2019 की रात
11 बजे उसका छोटा भाई मनोज शुक्ला सिविल लाइन एक होटल में वीरेश सिंह के साथ खाना
खाने गया हुआ था। वहां उसके भाई को आशीष सिंह पुत्र वीपी सिंह ने मारने-पीटने के
बाद उसका अपहरण कर लिया था। इस संबंध में कोतवाली नगर में अपहरण का अभियोग पंजीकृत
किया गया था।
एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 15 जून
2019 को मनोज शुक्ला का शव गोंडा जनपद के मसकनवा रेलवे ट्रैक पर मिला था। फोटो के आधार पर मृतक मनोज की पहचान हुई थी। मामले की विवेचना के बाद 13 आरोपियों के विरूद्ध आरोप-पत्र
न्यायालय में भेजा गया था। इन आरोपियों में आशीष सिंह, धर्मेन्द्र सिंह,
विनीत
कुमार पाण्डेय, सोनू सोनकर, श्याम कुमार
यादव, शिवम् सिंह, विकास तिवारी, मनुज मेहरोत्रा,
अनीश
पाण्डेय, राना सिंह, श्रवण कुमार पाण्डेय, मनुज मेहरोत्रा व किशोर थे।
न्यायालय
ने 11 आरोपियों पर दोष सिद्ध किया है। इसी मामले में न्यायालय ने मुख्य आरोपी
विकास सिंह सहित सभी 11 आरोपियों को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए का आर्थिक दंड
भी लगाया है। कड़ी सुरक्षा के बीच सभी को जेल भेज दिया गया है।
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