बुधवार को संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। उन्होंने मोदी सरकार के 10 साल के कामकाज का हिसाब-किताब दिया। अपने अभिभाषण के दौरान उन्होंने कहा कि बीता हुआ वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। सरकार ने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को लगातार बनाए रखा है।
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राष्ट्रपति ने सांसदों को महिला आरक्षण कानून बनाने के लिए बधाई दी। उन्होंने एशियन गेम्स के इतिहास में सबसे अधिक मेडल, चंद्रयान-तीन की सफलता, राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने की बात कही। राष्ट्रपति ने जैसे ही राम मंदिर का जिक्र किया, तो वहां मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, जो इस साल पूरी हुई है। राष्ट्रपति के अनुसार गुलामी के दौर में बने कानून अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने के लिए सरकार ने कड़े कानूनी प्रावधान किए।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार भारत की युवा शक्ति की शिक्षा और कौशल विकास के लिए निरंतर नए कदम उठा रही है। बीते 10 वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुए। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैश्विक विवादों और संघर्षों के इस दौर में भी, भारत के हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा है। आज मेड इन इंडिया एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है।
इससे पहले पीएम मोदी ने सदन के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मैं आशा करता हूं कि इस साल जिसको जो रास्ता सूझा, उस प्रकार से संसद में सबने अपना-अपना कार्य किया। मैं इतना जरूर कहूंगा कि कुछ लोगों का स्वभाव ‘आदतन हुड़दंगी’ हो गया है, जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं। ऐसे सभी माननीय सांसद आखिरी सत्र में जरूर आत्मनिरीक्षण करेंगे, कि 10 साल में उन्होंने क्या किया।’