Lucknow
News- उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य
मंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया
है कि फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से कोई भी वंचित न रहे। घर-घर जाकर 2 वर्ष से
कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों
को छोड़कर सभी को अपने सामने ही दवा का सेवन कराएं। यदि घर पर कोई अनुपस्थित है तो
दोबारा भ्रमण कर दवा का सेवन कराएं। दवा का वितरण कदापि न करें।
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उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय फाइलेरिया
उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 17 जिलों में 10 फरवरी से सर्वजन दवा
सेवन अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने प्रशिक्षित स्वास्थ्य
कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि शत-प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का
सेवन कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य केंद्रों पर बूथ बनाए जाएं। जिला
अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और आयुष्मान भारत
आरोग्य मंदिर को फाइलेरिया रोधी औषधि के सेवन के लिए बूथ के रूप में चयनित किया
जाए।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं, वहां पर
भी बूथ संचालित किया जाए, ताकि जो लोग घर पर दवा का सेवन न कर
पाएं वे स्वयं से बूथ पर पहुंचकर दवा का सेवन कर सकें। उनका कहना है कि फाइलेरिया
के लक्षण जैसे- हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि 5 से 15
वर्ष में दिखाई देते हैं, इसलिए हर कोई अपने को फाइलेरिया ग्रसित
मानकर दवा का सेवन करें और खुद के साथ समुदाय को इस बीमारी से सुरक्षित बनाएं।
उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के
साथ अन्य विभाग जैसे पंचायती राज, ग्रामीण एवं शहरी विकास और महिला एवं
बाल विकास विभाग से कहा है कि उनके सभी कार्यकर्ता व विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी
फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों के साथ घर-घर पहुंचे और 10 से 28 फरवरी तक चलने
वाले इस अभियान के दौरान दवाओं का शत-प्रतिशत सेवन कराएं।