नई दिल्ली: भाजपा सांसद डॉ अशोक बाजपेई ने राज्यसभा में ईशनिंदा कानून बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि विश्व के 100 देशों में ईशनिंदा कानून बना है। हमारे देश में भी इस कानून को बनाने की सख्त आवश्यकता है। सांसद ने कहा कि हमारे देश में परंपरा चली आ रही है कि कोई कुछ भी हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बोल देता है और उसे कोई सजा भी नहीं होती।
भाजपा सांसद ने कहा कि भारत में लगभग 125 करोड़ लोग सनातन धर्म को मानते हैं। हिंदू समाज उदारवादी और सहिष्णु माना जाता है। लेकिन, धीरे-धीरे उदारवादी सोच और सहिष्णुता हमारी कमजोरी बन गई है। जब कोई चाहे हिंदुओं की आस्था और उनके धार्मिक प्रतीत चिंहों पर टिप्पणी कर सकता है और उस के विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं होती।
सांसद अशोक बाजपेई ने कहा कि ऐसे कई देश हैं जहां ईशनिंदा करने पर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन, हमारे देश में ईशनिंदा पर सजा का कोई प्रावधान नहीं है। बाजपेई ने कहा कि हम हिंदू लोग सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमे सभी धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा दी जाती है। लेकिन, लगातार दूसरे धर्म के लोग हमारे धर्म पर अनर्गल टिप्पणी करके हमारी आस्था और विश्वास को चोट पहुंचाते हैं। कानून में ऐसे लोगों के खिलाफ सजा का कोई प्रावधान न होने के कारण यह बचकर निकल जाते हैं। इसलिए ईशनिंदा कानून की अत्यधिक आवश्कता है।
राजस्थान की घटना का भी किया जिक्र
सांसद अशोक बाजपेई ने अपने वक्तव्य में राजस्थान की उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें, मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा कथित ईशनिंदा करने पर एक टेलर का गला काट दिया गया था। उन्होंने कहा कि छोटी सी घटना पर कुछ कट्टरपंथी गला काटने का नारा लगाने लगते हैं। सांसद ने कहा हम ऐसा नहीं चाहते। लेकिन, यह अवश्य चाहते हैं कि हमारे धर्म पर अनर्गल टिप्पणी करने वालों को कानूनी रूप से सजा मिले। इसलिए ईशनिंदा कानून बनाने की आवश्यकता है।