बाराबंकी: देवा कोतवाली क्षेत्र में प्रार्थना सभा के नाम पर सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में पुलिस ने 16 लोगों को नामजद करते हुए, कथित फादर समेत 10 लोगों को जेल भेजा है। साथ ही पुलिस 6 अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। जांच में पाया गया है कि अयोध्या समेत अन्य कई जिलों में भी ये नेटवर्क सक्रिय है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पहले कितने लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। धर्मांतरण में प्रमुख भूमिका निभाने वाला फादर डोमनिक कर्नाटक के मंगलौर शहर का निवासी है।
देवा कोतवाली क्षेत्र के लखनऊ जिले की सीमा पर चकरार मजरे रेंदुआ पल्हरी गांव स्थित नवीनता प्रेयर सेंटर व चर्च में बीते कई दिनों से धर्मांतरण के लिए लोगों को लाया जा रहा था। सोमवार को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद एएसपी, एसडीएम, दो सीओ समेत कई थाना प्रभारियों ने छापा मारा था।
जांच में पता लगा कि यहां करीब 300 लोगों के सामूहिक रूप से धर्मांतरण की तैयारी थी। कार्रवाई के दौरान तमाम लोग स्वयं चले गए। साथ ही अयोध्या जिले के 225 लोगों को पुलिस ने मुक्त कराते हुए बसों से उनके घर भिजवाया था। फादर समेत सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
देवा कोतवाली में देर रात विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार वैश्य की तहरीर पर 16 लोगों के खिलाफ विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया था। इनसे पूछताछ में कई और नाम सामने आए। रात में ही पुलिस ने तीन और लोगों को दबोच लिया।
पुलिस ने फादर डोमिनिक पिंटो के अलावा अयोध्या जिले के देवी का पुरवा तहसील मिल्कीपुर निवासी सुनील, खरगूपुर तहसील रुदौली के सुरेन्द्र,ग्राम टेर तहसील रुदौली निवासी घनश्याम गौतम, अमानीगंज निवासी पवन, सितैह लोहानी रौनाही निवासी सूरज व गड़ौली खंडासा निवासी सरजू प्रसाद, पूरे परसन रूदौली निवासी राहुल, ओरवा खंडासा निवासी रामजनम रावत व अहियार रूदौली निवासी धर्मेंद्र कोरी को गिरफ्तार किया है।
साथ ही लखनऊ के लालबाग चर्च परिसर की सुजैनी डेनियल, वृंदावन योजना निवासी आहिती, अयोध्या के रनापुर इनायतपुर निवासी सोनम रावत, मतेपुरवा थाना मोहनगंज निवासी संगीता गौतम व लखनऊ के गनेशगंज कैसरबाग की डेजी जोसेफ की तलाश चल रही है। इस पूरे खेल की भनक एलआईयू को नहीं लगी, ह बड़ा सवाल है। अगर समय रहते रिपोर्ट दी जाती तो लोगों को यहां आने से रोका जा सकता था।
देवा क्षेत्र में धर्मांतरण के इस खेल को शह देने वाले लोगों का भी पुलिस पता लगा रही है। बताते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय यह चर्च से जुड़े शातिर लोगों को बरगला रहे थे। पुलिस अयोध्या के उन गांवों में जाकर जांच पड़ताल करेगी, जहां के लोग यहां लाए गए थे। वहां इनका बड़ा नेटवर्क होने की उम्मीद है। एसपी दिनेश कुमार सिंह के अनुसार अभी और गिरफ्तारी होंगी।
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देवा पुलिस की जांच में यह भी पता लगा कि धर्मांतरण से पहले ऐसे लोगों को खोजा जा रहा था जिनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी या जिनके परिवार में कोई बीमारी से जूझ रहा था। मानसिक रूप से बीमार लोगों को भी साहित्य व वीडियो दिखाकर बताया जाता था कि अगर गरीबी व बीमारी से बचना है तो धर्मांतरण करा लो।