मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी विधानसभा में काशी और मथुरा को लेकर दिए गए बयान का वाराणसी के संतों ने स्वागत किया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि काशी और मथुरा को एजेंडे में रखना सुखद अनुभूति है।
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दरअसल बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए सीएम योगी ने मथुरा और काशी को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य की तुलना महाभारत से करते हुए कहा था कि ‘दुर्योधन से पांडवों ने केवल पांच गांव मांगे थे। दुर्योधन वह भी न दे पाया। यही हाल तो अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ हुआ। हमने तो केवल तीन जगह मांगी है।’
मुख्यमंत्री योगी के इस बयान का काशी के संतों ने खुले मन से स्वागत किया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि संत समिति के प्रथम प्रस्ताव में ही अयोध्या, काशी और मथुरा के क्रम में मुक्ति का संकल्प था। ये सनातन हिन्दू धर्म का वैभव और सम्मान से जुड़ा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि संत समिति मुसलमानों से आग्रह करती है, कि सीएम योगी के प्रस्ताव को स्वीकार ले,, ये उनके हित में ही होगा।
सीएम योगी ने सदन में क्या कहा था
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या, काशी और मथुरा की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ‘हमने तो केवल तीन जगह मांगी है। अन्य जगहों के बारे में कोई मुद्दा नहीं था। अयोध्या का उत्सव लोगों ने देखा, तो नंदी बाबा ने कहा कि भाई हम काहे इंतजार करें। इंतजार किए बगैर रात में बैरिकेड तोड़वा डाले। अब हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं’। सीएम योगी ने कहा था कि ‘विदेशी आक्रांताओं ने केवल इस देश के अंदर धन-दौलत ही नहीं लूटी थी। इस देश की आस्था भी रौंदने का काम किया था। फिर आजादी के बाद उन आक्रांताओं को महिमामंडित करने का कुत्सित कार्य किया गया।’