Gorakhpur
News- नेताओं की छवि धूमिल करने के मामले में मुख्य न्यायिक
मैजिस्ट्रेट ने आरोपी परवेज परवाज को 7 साल की सजा सुनाई। यह मामला 2007 का है, जब इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को
फांसी दी गई थी। उस वक्त परवेज परवाज ने उत्तेजक भाषण देकर भीड़ जुटाई और फिर पथराव कराया।
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सीडी से की थी छेड़छाड़
पूरा मामला साल 2007 का है, जब परवेज परवाज ने अदालत में
मुकदमा दायर करके कई नेताओं पर आरोप लगाए थे। साक्ष्य के तौर
पर उसने न्यायालय में एक सीडी पेश की,, मगर फरेंसिक जांच में पाया गया कि सीडी से
छेड़छाड़ की गई है।
14 दिसंबर 2018 को परवेज के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
सीडी से
छेडछाड़ की रिपोर्ट मिलने के बाद पूर्व एमएलसी डॉ. वाईडी सिंह ने परवेज परवाज के
खिलाफ कैंट पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाया था कि जन-प्रतिधिनियों की छवि धूमिल
करने के इरादे से सीडी में छेड़छाड़ की गई। इसके बाद पुलिस ने 14 दिसंबर 2018 को परवेज
के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की
अदालत में इस मामले में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, धीरेंद्र कुमार पाण्डेय, प्रत्यूष
कुमार दुबे ने पैरवी की। इस मामले में मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट आदर्श श्रीवास्तव
ने परवेज परवाज को 7 साल के
कारावास व 10,000 रुपए के अर्थदण्ड
की सजा सुनाई। अर्थदण्ड न देने पर दोषी को 15 दिन का
अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।