Varanasi News- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय चिकित्सा
विज्ञान संस्थान के प्रसूति तंत्र विभाग में पहली बार दूरबीन विधि से जटिल
सिजेरियन स्कार एक्टोपिक बीमारी का सफल ऑपरेशन किया गया। आपरेशन के बाद मरीज को इस
समस्या से होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल गया है। 2 दिन में ही महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी
गई। प्रसूति तंत्र विभागाध्यक्ष डॉ संगीता राय के अनुसार महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है। बता दें कि पीड़ित महिला 3
महीने के गर्भ के साथ प्रसूति तंत्र विभाग की ओपीडी में दर्द और रक्त प्रवाह की
समस्या लेकर आई थी।
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प्रसूति तंत्र विभागाध्यक्ष डॉ संगीता राय ने बताया कि महिला
के पहले बच्चे का जन्म 3 साल पहले आपरेशन से हुआ था। दूसरी प्रेगनेंसी के 6 महीने
में ही बच्चे की डिलीवरी हो गई थी । इससे फूल/प्लेसेंटा चिपक गया था। जिसके कारण
मरीज को काफी रक्त स्त्राव होने लगा था। बाद में उसका आपरेशन करके फूल/प्लेसेंटा को
निकाला गया था। तीसरी बार की प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रा साउंड में पाया गया की
मरीज सिजेरियन स्कार एक्टोपिक की समस्या से ग्रस्त है, जो एक दुर्लभ बीमारी
है। इसमें भ्रूण स्वस्थ गर्भाशय की दीवार के बजाए पिछले सी-सेक्शन स्कार के निशान
के ऊतक में प्रत्यारोपित हो जाता है। यह बढ़ते हुए सिजेरियन सेक्शन का एक
दुष्प्रभाव भी है। इस स्थिति में गर्भ लम्बे समय तक नहीं टिक पाता और मरीज को काफी
रक्त स्त्राव होता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
प्रसूति तंत्र विभाग में पहली बार ऐसी समस्या
का निदान विभागाध्यक्ष डॉ संगीता राय ने दूरबीन विधि से किया है। पीड़ित महिला 98
किलोग्राम की थी। आपरेशन के बाद 2 दिन में ही महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी
गई। प्रो.राय के अनुसार महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है।