अयोध्या: रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आ रहे हैं। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद 23 जनवरी को भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया गया था। अकेले 23 जनवरी को ही 5 लाख से अधिक लोगों ने रामलला के दर्शन प्राप्त किए थे। भक्तों की उमड़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन के समय को भी बढ़ाया था। लेकिन, अब चंपत राय के एक बयान के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि प्रभु श्रीराम के दर्शन के समय में कटौती की जा सकती है।
दरअलस, पिछले 21 दिनों से लगभग 2 से ढ़ाई लाख लोग प्रतिदिन रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। राम मंदिर प्रात: 6:30 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खोला जा रहा है। जिसके चलते रामलला को विश्राम करने का भी मौका नहीं मिल पा रहा है। जिसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि रामलला को 15 घंटे जगाना उचित नहीं है। 5 वर्ष के बालक को आराम मिलना आवश्यक है।
चंपत राय के इस बयान का तात्पर्य यह है कि पांच साल के बालक के रूप में विराजमान रामलला को बीच-बीच में विश्राम की आवश्यकता है जो बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है।
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येद्र दास ने किया समर्थन
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येद्र दास ने भी चंपत राय के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने 5 वर्ष के रामलला 15 घंटे लोगों को दर्शन दे रहे हैं। यह शास्त्रों के अनुसार ठीक नहीं है। 5 वर्ष के बालक को दोपहर में 2 घंटे का विश्राम मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के पदाधिकारियों से बात कर यह व्यवस्था बनाई जाएगी।