Varanasi News- वाराणसी में शिवलिंग के
साथ कथित छेड़छाड़ मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अपर जिला जज देवकांत शुक्ला की न्यायालय
ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में न्यायालय 23 फरवरी
को फैसला सुनाएगा।
इस मामले में वादी जयध्वज श्रीवास्तव के प्रार्थना-पत्र
के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया था। अधिवक्ता देशरत्न
श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय ने न्य़ायालय में पैरवी की गई। इनके द्वारा न्यायालय
में कहा गया था कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल
से काशी में स्थित है। ज्योतिर्लिंग की प्राण-प्रतिष्ठा करने के उपरांत स्थापित
किया गया था। यह जीवित स्वरूप है। उसका कभी विध्वंश नहीं हुआ है, बल्कि
मात्र मंदिर के स्वरूप को क्षतिग्रस्त किया गया था। मंदिर के मलबे से ही कथित
मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया।
न्यायालय
में बहस के दौरान वादी पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर स्थित
है। औरंगजेब के धर्म को मानने वाले कुछ अज्ञात लोगों ने ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर
ढंकने का काम किया। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचाकर हिंदू भावना
भड़काने, शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेंटनुमा
पदार्थ जमाकर शिवलिंग को ड्रिलिंग मशीन से छेदकर फव्वारे का रूप देने का प्रयास
किया गया। जिससे हिन्दू जनभावनाएं आहत हुई हैं।