Tulsi Plant Care: तुलसी का पौधा हर कोई लगाता है। लेकिन कई घरों में तुलसी सूख जाती है। अक्सर लोगों की ये शिकायते रहती है कि धूप और पानी मिलने के बाद भी तुलसी का पौधा ज्यादा दिन तक चल नहीं पाता है। हालांकि, तुलसी का पौधा सेहत के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करता है। ऐसे में तुलसी का सूख जाना चिंता का विषय तो बनता है। लेकिन इसका सुझाव भी है। आइए आज हम आपको तुलसी की देखभाल के कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिन्हें फॉलो करके आप इसे सालभर हरा-भरा बनाए रख सकती हैं।
ऐसे तैयार करें मिट्टी
तुलसी का पौधा लगाते समय आपको मिट्टी के रेशियो को 40:30:30 का रखना चाहिए। यानी 40 प्रतिशत मिट्टी, 30 प्रतिशत खाद और 30 प्रतिशत रेत। जिससे पौधे की जड़ों में ऑक्सीजन बनी रहती है। और गमले में पानी के ज्यादा देर तक ठहरने की समस्या भी खत्म हो जाती है। जिसके चलते इसकी जड़ें गलने से भी बच जाती हैं।
मंजरी को तोड़कर हटा दें
तुलसी के पौधे में निकले मंजरी या उसके बीजों को तोड़कर हटा देना चाहिए। क्योंकि, तुलसी की मंजरी और बीज पौधे की उस खुराक यानि पानी को पी जाते हैं। जिन्हें हम देते है। इसी कारण से पौधे की ग्रोथ बढ़ने के बजाय और भी धीमी हो जाती है। मंजरी हटाने का एक फायदा ये भी होता है, कि आप जहां से मंजरी तोड़ते हैं, वहां से तुलसी की दो डाल उगने भी लगती हैं। जिससे आपका तुलसी का पौधा धीरे-धीरे घना होने लगता है।
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गमले का भी रखें ख्याल
सिर्फ तुलसी के पौधे की ही देखभाल जरूरी नहीं, बल्कि इसके साथ-साथ ये भी ध्यान रखना होगा कि वह किस गमले में लगाया गया है। क्योंकि किसी भी गमले में पौधा लगाने के लिए गमले के नीचे पानी निकलने के लिए छेद होना जरूरी होता है। और हमेशा प्लांट लगाने के लिए मिट्टी का गमला ही बेहतर माना जाता है। इसकी खास बात ये है कि मिट्टी का गमला सर्दियों के वक्त पौधे में ज्यादा देर तक पानी जमा नहीं रहने देता और गर्मियों में ये गमला पौधे की जड़ों में ठंडक बनाए रखता है। जिससे तुलसी का पौधा अपनी ग्रोथ बनाए रखने के साथ हरा-भरा भी बना रहता है।