Kushi Nagar News- कुशीनगर
में देसी–विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने,
विपश्यना और योग
के लिए बौद्ध विपश्यना पार्क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। शुरुआत तेजी होने
बाद निर्माण कार्य अब काफी धीमी गति से चल रहा है। वर्तमान समय में हालत ये है कि दो
साल की अवधि में मात्र फौव्वारा युक्त दो सरोवर, पक्के शेड, मुख्य द्वार और पथ-वे
का ही निर्माण हो पाया है। अभी भी 14 मेडिटेशन प्लेटफार्म बनाने का कार्य
अधूरा पड़ा है। प्रसाधन और कैफेटेरिया का कार्य शुरू ही नहीं हुआ है। बता दें कि इस
कार्य पर 4 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। वहीं जिलाधिकारी उमेश मिश्र का कहना है
कि लापरवाहों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। कार्य तेजी से नियत समय पर पूरा कराया
जाएगा।
देख-रेख व संरक्षण के अभाव में पार्क की दशा
जीर्ण-शीर्ण
उल्लेखनीय है कि 1990 के दशक में
जापान सरकार के आर्थिक सहयोग व ओवरसीज इकोनॉमिक कांटिनेंटल फंड के अन्तर्गत 15
एकड़ क्षेत्रफल में बौद्ध विपश्यना पार्क का निर्माण किया गया था। पर्यटक पार्क में
ध्यान, प्राणायाम, विपश्यना, साधना, जागिंग
करते थे। किंतु समुचित देख-रेख व संरक्षण के अभाव में पार्क की दशा जीर्ण-शीर्ण हो
गई और पार्क ने अपनी रौनक खो दी थी। इसके बाद वर्ष 2013 में लांच हुए विश्व
बैंक की प्रो पुअर टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पार्क का पुनरुद्धार
कार्य कराना शामिल किया गया। दो वर्ष पूर्व पार्क में पर्यटकों की विपश्यना के लिए
मेडिटेशन प्लेटफार्म सरोवर, पेयजल, प्रसाधन,
फौव्वारा,
पाथ-वे,
कैफेटेरिया,
स्थानीय
पशु-पक्षियों को आश्रय देने के स्थल बनाए जाने के कार्य शुरू किए गए। मगर अब
निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।
जिलाधिकारी उमेश मिश्र का कहना है कि इस योजना का
उद्देश्य पर्यटकों को विशुद्ध प्राकृतिक वातावरण देना है। इसके साथ ही भूगर्भ जल
संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। यह शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना है।
इसमें लापरवाही को क्षमा नही किया जाएगा। कार्य तेजी से निर्धारित समय पर पूरा
कराया जाएगा।