Auriya News- कभी
चंबल के बीहड़ में दस्यु सुंदरी के रूप में आतंक का पर्याय रही सीमा परिहार व अन्य
साथियों रामकिशन उर्फ किशना, छोटे सिंह व अनुरुद्ध को 30 वर्ष पुराने अपहरण के मामले में न्यायालय
ने दोषी माना है। सभी को जेल भेज दिया गया है। 21 फरवरी को इस मामले में सभी की सजा
का ऐलान किया जाएगा। साथ ही न्यायालय ने पुलिस से इस बात की जानकारी भी मांगी है
कि दस्यु जीवन छोड़कर आत्मसमर्पण करने के बाद दोषियों ने किसी तरह का कोई अपराध
किया है या नहीं किया है।
19-20 मार्च 1994 को
हुई थी वारदात
घटना वर्ष 1994 को हुई थी। इस मामले में उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक अभियोग
पंजीकृत किया गया था। श्रीकृष्ण त्रिपाठी ने अभियोग पंजीकृत कराया था। जिसमे उसने कहा था कि उस रात उसका 25 वर्षीय भाई प्रमोद कुमार त्रिपाठी खेतों
में पानी लगा रहा था। तभी रात में 10 से 15 सशस्त्र
बदमाश ट्यूबवेल पर आए और दरवाजा खुलवाकर उसके भाई प्रमोद कुमार त्रिपाठी का अपहरण कर उसे
उठा ले गए। पुलिस छानबीन के बाद इस गिरोह की पहचान दस्यु सरगना लालाराम, सीमा परिहार व अन्य के रूप में
की गई थी। इस मामले में पुलिस ने अपहरण का मामला पंजीकृत किया था।
21
फरवरी को न्यायालय सुनाएगा दोषियों को सजा
अपहरण
के मामले में औरैया जिला न्यायालय ने सभी पर आरोप सिद्ध करते हुए उन्हें दोषी
सिद्ध किया है। इस मामले में सीमा परिहार, रामकिशन उर्फ किशना, छोटे सिंह व अनुरुद्ध की सजा का ऐलान होना है। शासकीय अधिवक्ता मुकेश पोरवाल
ने बताया कि सीमा परिहार सहित चारों दोषियों को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी। इन सभी
को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में पेश किया जाएगा।