Fatehpur news : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला मलवां विकास खंड के पहुर गांव में गुरुवार को रामलीला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बता दें कि रामलीला समारोह का आयोजन शीतला माता मंदिर परिसर में किया गया, जिसका शुभारंभ पूर्व प्रधान गणेश दीक्षित ने दीप प्रज्वलित कर किया।
ताड़का वध देख दर्शकों ने लगाए ‘जय श्रीराम’ के नारे
बता दें कि रामलीला मंचन कार्यक्रम में कई कलाकारों ने हिस्सा लेकर रामायण में दिखाई गई लीलाओं का दर्शकों के सामने प्रस्तुतीकरण किया। इसमें विश्वामित्र आगमन और ताड़का वध जैसे दृश्यों का मंचन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने रामलीला में मुनि आगमन का मंचन कर कहा कि राक्षसों ने जब संत महात्माओं का यज्ञ करना दूभर कर दिया, तो विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार जा पहुंचे और उन्होंने श्री राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए मांगा। दशरथ के मना करने पर गुरु वशिष्ठ ने कहा कि क्षत्रियों का धर्म होता है कि वह यज्ञ, विप्र, गाय और संत की रक्षा करें। राजा का दायित्व यहीं होना चाहिए कि उसे अपने धर्म का पालन करना चाहिए। ये बातें सुनकर दशरथ जी ने राम-लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेजने के लिए राजी कर लिया। ये देख पंडाल में बैठे लोगों ने अपनी तालियों से कलाकारों का मनोबल और भी बढ़ा दिया।
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‘जय श्रीराम’ के जयकारों से गूंज उठा पूरा पंडाल
इस बीच अचानक जोरदार ठहाकों और डरावनी आवाज के साथ ताड़का आती है, जिसे देखते ही पंडाल में मौजूद बच्चे थोड़ी देर के लिए सहम गए। लेकिन, बड़ी ही खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किए गए ताड़का वध को देख वहां उपस्थित सभी लोग खुशी से झूम उठे। इस रामलीला मंचन का नजारा इतना खूबसूरत रहा कि ताड़का वध होते ही सभी दर्शक जय श्रीराम के जयकारे लगाने से खुद को नहीं रोक पाए। जिससे पूरा पंडाल भक्तिमय हो उठा।
बता दें कि ताड़का वध के साथ-साथ रामलीला मंचन कार्यक्रम में दशरथ और विश्वामित्र के बीच हुए संवाद की भी लोगों ने खूब प्रशंसा की। वहीं इस मौके पर युवा विकास समिति के प्रवक्ता आलोक गौड़, कमेटी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह गौतम, शिवम तिवारी के साथ कई लोग उपस्थित रहे।