बेंगलुरु: भारत और हिंदू विरोधी एजेंडा चलाने वाली भारतीय मूल की ब्रिटेश प्रोफेसर निताशा कौल को रविवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट से वापस लंदन भेज दिया गया। वह कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने के बाद, बेंगलुरु पहुंची थीं। लेकिन, हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें रोक कर पूछताछ की और अंत में उन्हें फ्लाइट से वापस लंदन भेज दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निताशा कौल को कार्यक्रम में शामिल होने देने की अनुमति देने के लिए बेंगलुरु से कई फोन दिल्ली किए गए, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अंत में उन्हें लंदन वापस लौटना ही पड़ा।
कर्नाटक सरकार ने किया था आमंत्रित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा 24 व 25 फरवरी को दो दिवसीय ‘संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन’ आयोजित किया गया था। इसी सम्मेलन में ब्रिटेश प्रोफेसर निताशा कौल को स्पीकर के तौर पर बुलाया गया था। लेकिन भारत विरोधी बयान देने वाली प्रोफेसर कौल को बेंगलुरु शहर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं मिल सकी।
कौन हैं प्रोफेसर निताशा कौल
प्रोफेसर निताशा कौल भारतीय मूल की ब्रिटेश प्रोफेसर हैं। वह ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग में प्रोफेसर हैं। कौल का जन्म यूपी के गोरखपुर में हुआ था। लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने के लिए जानी जाती हैं। वह अपने लेखों व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मीडिया डिबेट में भारत, भारतीय सेना और हिंदुत्व के खिलाफ विषैले और मनगढ़ंत बयान देती रहती हैं, ताकि देश की छवि को खराब किया जा सके।
कौल की भारत विरोधी छवि
प्रोफेसर निताशा कौल मूल रूप गोरखपुर की रहने वाली कश्मीरी पंड़ित हैं। किंतु वह भारत के खिलाफ अपना ऐजेंडा चलाती रहती हैं। निताशा कौल का कहना है कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा किया है। एंटी भारत एजेंडा चलाने वाली प्रोफेसर कौल के अनुसार 1980 और 1990 में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार नहीं हुआ था। बल्कि, यह सशस्त्र विद्रोह था। कौल का कहना है कि चुनावी धांधली के बाद कश्मीर के मुसलमानों ने विद्रोह कर दिया, जिसके चलते वहां के कश्मीरी पंडितों को भागना पड़ा।
वैश्विक स्तर पर भारत की छवि धूमिल करती हैं निताशा कौल
निताशा कौल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बैठ कर भारत, कश्मीर, RSS, हिंदुओं और भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगलती हैं। जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को धूमिल किया जा सके। बेंगलुरु हवाई अड्डे से वापस भेजे जाने के बाद प्रोफेसर कौल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगल रही हैं। कौल वीडियो में यह कहते हुए देखी जा सकती हैं कि कश्मीरियों पर भारतीय सेना अत्याचार कर रही है। वहां के लोगों को सेना द्वारा मार कर सामूहिक दफनाया जा रहा है। साथ ही भारतीय भारतीय सेना कश्मीर की महिलाओं के साथ बलात्कार कर रही है। ब्रिटिश प्रोफेसर निताशा कौल का भारत विरोधी यह कोई इकलौता वीडियो नहीं है, बल्कि ऐसे कई वीडियो मिल जाएंगे जिसमें वह भारतीय सेना के खिलाफ अफवाह फैलाती हुए व बुरहान बानी जैसे आतंकियों का समर्थन करते दिख जाएंगी।
निताशा कौल एक तरफ जहां आतंकियों का समर्थन करती हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें राष्ट्र रक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर करने का भाव रखने वाले RSS में कमियां दिखती हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया डिबेट्स में निताशा कौल RSS के खिलाफ भ्रम फैलाती रहती हैं। ताकि राष्ट्रवादी संगठन की छवि को खराब किया जा सके।