Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हॉस्पिटल व एंबुलेंस चलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। गुलरिहा, चिलुआताल, गगहा के साथ ही शहर के कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी बढ़ा दी गई है। पिछले 2 दिनों से छापेमारी लगातार जारी है। पुलिस इनको चिह्नित करते हुए तलाश कर रही है।
कचहरी में पुलिस ने बढ़ाई चौकसी-
पुलिस प्रशासन ने कचहरी में चौकसी बढ़ा दी है। झुंगिया का रहने वाला एक व्यक्ति 16 फरवरी की रात से ही फरार है। उसने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर रखा है। एंबुलेंस को भी उसने हटा दिया है। इधर, ईशु अस्पताल की संचालक व रियांव गांव के प्रधान की पत्नी रेनू, एंबुलेंस चालक अजीत और अजय भी पुलिस को नहीं मिल रहे हैं।
इनके खिलाफ दर्ज है मुकदमा-
ईशु अस्पताल की संचालक व रियांव गांव के प्रधान की पत्नी रेनू, एंबुलेंस चालक अजीत और अजय के विरुद्ध रामगढ़ताल थाने में जालसाजी करने व रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज है। मनोज निगम के विरुद्ध चिलुआताल थाने में मुकदमा दर्ज है।
मनोज को ढूंढ रही पुलिस-
मनोज की तलाश में पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। इसके बाद भी मनोज पुलिस की पकड़ से बाहर है। हालत यह है कि पुलिस को अलग से टीम बनानी पड़ी है। मनोज को पहचानने वाले सिपाहियों की सादे कपड़ों में ड्यूटी लगाई जा रही है। इतना ही नहीं, रामगढ़ताल पुलिस ने मनोज को भगोड़ा घोषित करने के लिए सोमवार को न्यायालय में अर्जी दी है।
डीएम के निर्देश पर शुरू हुई कार्रवाई-
दरअसल ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए 16 फरवरी को डीएम ने निर्देश दिए थे। इसके बाद CMO व सिटी मजिस्ट्रेट ने पुलिस बल के साथ पैडलेगंज स्थित ईशु अस्पताल में छापा मारा। भर्ती मरीजों से पूछताछ व जांच में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में फैले मरीज व एंबुलेंस माफिया गिरोह के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई तेज कर दी गयी।
अस्पताल को सील कर दिया गया था। इसके बाद एडिशनल सीएमओ ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। ईशु अस्पताल के संचालक रियांव गांव के प्रधान नितिन यादव उसके भाई, अस्पताल का पंजीकरण कराने वाले डॉ. आर पी सिंह, बीआरडी के ट्रॉली मैन, एंबुलेंस माफिया दीपक उर्फ दीपू समेत आठ आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा था।
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