Balrampur News- न्यायालय ने दहेज
हत्या के लोभी सास-ससुर और जेठ-जेठानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ
ही दोषियों पर 85-85 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मामला 28 सितंबर 2016 का है। मृतका के पिता अमरेश कुमार तिवारी
ने मुकद्दमा दर्ज करवाया था कि दहेज न मिलने पर ससुराल में उसकी बेटी सुनीता की
जिंदा जला कर उसकी हत्या कर दी गई है। सुनवाई पूरी होने के बाद जिला जज अनिल कुमार झा
ने दोषियों को सजा सुनाई है।
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उत्तर प्रदेश के
बलरामपुर जिले में 28 सितंबर 2016 को विवाहिता सुनीता की उसके ससुराल वालों ने जला कर हत्या
कर दी थी। इस मामले में सुनीता के पिता अमरेश कुमार तिवारी ने ससुर जग प्रसाद मिश्र, सास राधा मिश्रा, जेठ दुर्गेश मिश्र और
जेठानी नीतू मिश्र के खिलाफ बेटी को जिंदा जला कर उसकी हत्या करने का अभियोग
पंजीकृत करवाया था। पुलिस के मुताबिक
मृतका के पिता का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुरालियों ने बेटी को जिंदा
जला कर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में पिता ने गैसडी कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा
दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में चल रही थी। शुक्रवार को जिला एवं
सत्र न्यायालय ने घटना में शामिल सास-ससुर जेठ और जेठानी को दोषी करार दिया। चारों
को आजीवन करावास की सजा सुनाई गई।
शासकीय अधिवक्ता कुलदीप
सिंह ने बताया कि बलरामपुर निवासी अमरेश कुमार तिवारी ने तहरीर
देकर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि उनकी पुत्री सुनीता को ससुराली दहेज के
लिए प्रताड़ित करते थे। दहेज न मिलने पर सास, ससुर, जेठ और जेठानी ने
मिलकर पेट्रोल डालकर सुनीता को जला दिया। जिससे उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने विवेचना
कर चारों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे के दौरान
दोनों पक्ष के बयान दर्ज कराए गए थे। बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि खाना बनाते समय
आग लग गई थी। इससे सुनीता की मौत हो गई। सुनवाई के बाद और साक्ष्यों
को देखते हुए जिला जज अनिल कुमार झा ने चारों को दोषी मानते हुए
आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने चारों दोषियों पर 85-85 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने दोषियों
को कारागार में बिताई गई अवधि को इस दंड में समायोजित किए जाने का भी आदेश दिया है।
वहीं घटना में पीड़ित परिवार को सात साल बाद न्याय मिल गया।