नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा है.
वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर महाकुंभ में हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और वाकई चिंता का विषय है, लेकिन इस मामले में पहले से ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका लंबित है, इसलिए याचिकाकर्ता को वहां जाकर अपनी बात रखनी चाहिए.
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार ने इस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है.
याचिका में महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र में सभी राज्यों के सुविधा केंद्र खोलने की मांग की गई थी, जिससे गैर हिंदी भाषी लोगों को कोई असुविधा न हो. याचिका में वीआईपी मूवमेंट पर सवाल उठाते हुए यह भी मांग की गई थी कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट को सीमित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक जगह आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सके. इसके अलावा, याचिका में यह भी मांग की गई थी कि बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं और राज्य सरकारें मोबाइल या व्हाट्सएप के जरिए तीर्थयात्रियों को जानकारी प्रदान करें.