भारतीय जनता पार्टी,, प्रदेश के सभी जिलों में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा 15 अगस्त तक कर सकती है। अभी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने में पेंच फंसा हुआ है। भाजपा यूपी नेतृत्व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक मंथन कर रहा है।
विधानसभा चुनाव 2022 के बाद से भाजपा में कई जिलों में जिलाध्यक्ष बदलने की चर्चा चल रही है। सभी जिलों में पार्टी ने जुलाई में पर्यवेक्षक भेजकर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में हर जिले से तीन से चार दावेदारों के नाम मिले हैं। लेकिन इन नामों पर क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ मंथन नहीं हुआ है। उच्च स्तर पर हुए विचार में सभी क्षेत्रों में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन बनाना जरूरी है। अगड़ी, पिछड़ी और दलित वर्ग की सभी जातियों के साथ महिलाओं को प्रतिनिधित्व भी दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सभी क्षेत्रों में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन बनाने में मशक्कत करनी पड़ रही है। जिन जिलाध्यक्षों के दो कार्यकाल पूरे हो चुके है उनको पद से हटाया जाएगा। जिन्हें विधानसभा चुनाव से पहले मौका मिला था और जिनका एक ही कार्यकाल पूरा हुआ है, उन्हें छवि और कार्यशैली के अनुसार दूसरा मौका मिल सकता है। जिलाध्यक्षों के नामों को अंतिम पैनल तैयार कर उस पर राष्ट्रीय नेतृत्व की मंजूरी भी ली जाएगी। ऐसे में 15 अगस्त तक जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा होने की उम्मीद है।